Sleeping Position During Pregnancy

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गर्भावस्था के दौरान नींद कई कारणों से खराब हो सकती है, जिनमें रात में बाथरूम जाना, मतली, सीने में जलन, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और पैरों में खिंचाव शामिल हैं। इसके अलावा, भ्रूण के कारण शरीर में हो रहे बदलाव से कई गर्भवती महिलाओं को नींद के लिए आरामदायक स्थिति ढूंढने में परेशानी होती है। इसी कारण अच्छी नींद लेना काफी चुनौती भरा हो जाता है।

 

मां और होने वाले बच्चे के आराम, अच्छे रक्त संचार और संपूर्ण सेहत के लिए गर्भावस्था के दौरान सही तरीके से सोने की स्थिति तय करना ज़रूरी है। गर्भावस्था के लिए बने खास तकियों का इस्तेमाल और ज़रूरत के हिसाब से सोने की स्थिति बदलने से नींद बेहतर हो सकती है, जिससे गर्भावस्था आरामदायक और स्वस्थ बनी रहती है।

 

हम गर्भावस्था के दौरान सोने की सबसे अच्छी स्थितियों की जांच करते हैं और चर्चा करते हैं कि विशेषज्ञ गर्भावस्था के दौरान कुछ खास स्थितियों से बचने की सलाह क्यों देते हैं। हम यह भी बात करते हैं कि गर्भवती महिलाएं कैसे आरामदायक स्थिति का अनुभव कर सकती हैं ताकि उन्हें अपनी ज़रूरत के हिसाब से नींद मिल सके।

 

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गर्भावस्था के दौरान सोने की स्थिति का क्या महत्व है?

 

आप और आपके होने वाले बच्चे के बेहतर रक्त संचार के लिए करवट लेकर सोना सबसे अच्छा रहता है। गर्भावस्था में एक समय के बाद, डॉक्टर आपको पेट या पीठ के बल सोने से मना कर सकते हैं। गर्भावस्था में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसकी सूची लंबी हो सकती है, जैसे कुछ खेलों से बचना या कुछ खास भोजन न खाना। इसके अतिरिक्त, आप अपनी चिंताओं की सूची में सोने की स्थिति को भी जोड़ सकते हैं क्योंकि आपका पेट हर हफ़्ते बढ़ता रहता है।

 

यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको गर्भावस्था के दौरान सही तरीके से सोने की स्थिति से जुड़ी सही और गलत जानकारियों को समझने में मदद करेंगे। साथ ही, यह जानने में भी मदद करेंगे कि आपकी सोने की आदतें आपके और आपके होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर कैसे असर डालती हैं।

 

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गर्भावस्था के दौरान आरामदायक तरीके से सोने की स्थितियां क्या हैं?

 

गर्भावस्था के दौरान सोने की सबसे आरामदायक स्थितियां निम्नलिखित हैं:

  • करवट लेकर सोएं: गर्भावस्था के दौरान "SOS" (स्लीप ऑन योर साइड) यानी करवट लेकर सोना सबसे अच्छा तरीका माना जाता है, क्योंकि यह आपके और आपके होने वाले बच्चे के लिए सही रक्त संचार बनाए रखता है। इसके अलावा, यह आपके अंदरूनी अंगों और नसों पर कम दबाव डालता है। बाईं तरफ़ सोने से प्लेसेंटा और होने वाले बच्चे को ज़्यादा रक्त और पोषक तत्व मिलते हैं। इसके अलावा, अच्छा रक्त संचार बवासीर, आपके पैरों की नसों में सूजन और शरीर में सूजन के जोखिम को कम करता है। आमतौर पर, डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान, खासकर जैसे-जैसे गर्भ बढ़ता है, करवट लेकर सोने की सलाह देते हैं। इसका मुख्य कारण सही रक्त प्रवाह बनाए रखना है। जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, गर्भाशय तक खून पहुंचने में रुकावट आने की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि डॉक्टर डिलीवरी के समय अनियमित हृदयगति वाली महिलाओं या सी-सेक्शन के दौरान लेटी हुई महिलाओं की पोज़ीशन हल्की झुकी हुई रखते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, पीठ के बल सोने के कुछ जोखिम हो सकते हैं, लेकिन बाईं या दाईं ओर करवट लेकर सोने से ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ता।
    • बाईं करवट: गर्भावस्था के दौरान बाईं तरफ़ सोना "आदर्श" माना जाता है। जब आप बाईं ओर करवट लेकर सोते हैं, तो शरीर में इन्फीरियर वेना कावा (IVC) नाम की बड़ी नस के ज़रिए खून का बहाव सबसे अच्छा होता है। यह बड़ी नस, जो आपकी रीढ़ की हड्डी के दाईं होती है, रक्त को दिल तक पहुंचाती है और फिर वहां से उसे आपके होने वाले बच्चे तक भेजती है। इसके अलावा, बाईं ओर सोने से आपकी किडनी और लिवर पर दबाव कम होता है, जिससे ये अंग अच्छे से काम कर पाते हैं। इससे आपके हाथों, टखनों और पैरों को सामान्य रूप से काम करने के लिए ज़्यादा जगह मिल पाती है, जिससे सूजन की समस्या दूर होती है।
    • दाईं करवट: अगर बाईं तरफ़ सोना सबसे अच्छा रहता है, तो क्या दाईं तरफ़ सोना गलत है? ऐसा ज़रूरी नहीं है। 2019 के अध्ययन के अनुसार, बाईं और दाईं, दोनों तरफ़ सोना सुरक्षित है। हालांकि, दाईं तरफ़ सोने से शरीर की एक नस IVC पर हल्का दबाव पड़ सकता है, लेकिन यह आपकी सुविधा और आराम पर निर्भर करता है।

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गर्भावस्था के दौरान सोने की किन स्थितियों से बचना चाहिए?
 

विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान सोने की निम्नलिखित स्थितियों से बचना चाहिए:

 

1. पेट के बल सोना:

 

क्या आप सोच रहे हैं कि गर्भावस्था में पेट के बल सोना सुरक्षित है या नहीं? शुरुआत में यह ठीक है, लेकिन ज़्यादा समय तक नहीं। 16 से 18 हफ्तों तक पेट के बल सो सकते हैं, इसके बाद पेट बढ़ने लगता है, जिससे इस स्थिति में सोना असहज हो सकता है। आपको लग सकता है कि आप तरबूज के ऊपर सो रहे हैं। हालांकि, अगर आप पेट के बल सो जाते हैं, तो आपको आराम के अलावा किसी और चीज़ की ज़्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए। एमनियोटिक द्रव और गर्भाशय की दीवारें आपके होने वाले बच्चे को सुरक्षित रखती हैं। अगर आपको पेट के बल सोने में ज़्यादा आराम चाहिए, तो आप स्पेशल स्टमक स्लीपिंग पिलो का इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ तकियों में पेट के लिए जगह होती है, और कुछ फुलाए जा सकते हैं ताकि ज़्यादा आराम मिले।

 

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2. पीठ के बल सोना:

 

पहले तीन महीनों के दौरान पीठ के बल सोना ठीक है। उसके बाद, आपने सुना होगा कि पूरी रात पीठ के बल सोने से गर्भस्थ शिशु को खतरा हो सकता है। समझें कि ऐसे अध्ययन बहुत सीमित हैं और नींद में सांस रुकना जैसे अन्य कारण भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। फिर भी, इसे पूरी तरह नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। एक अध्ययन के अनुसार, 28 सप्ताह के बाद पीठ के बल सोने से बचने से गर्भस्थ शिशु के खतरे की संभावना 5.8% तक कम हो सकती है।

 

इसके अलावा, पीठ के बल सोने से और भी परेशानियां हो सकती हैं। यह खराब रक्त संचार, पाचन से जुड़ी समस्याएं, बवासीर और पीठ दर्द को बढ़ा सकता है। साथ ही, इससे चक्कर या हल्का सिर दर्द भी महसूस हो सकता है।

 

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गर्भावस्था के दौरान सोने की सही स्थिति के लिए टिप्स

 

सोने की सही स्थिति के अलावा, जीवनशैली से जुड़े ये टिप्स गर्भावस्था के दौरान आपकी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं:

  • कैफ़ीन का सेवन कम करें
  • दिनभर खूब पानी पिएं, लेकिन रात में बार-बार उठने और बाथरूम जाने से बचने के लिए सोने से कुछ घंटे पहले पानी का सेवन कम करें
  • रोज़ 30 मिनट तक व्यायाम करें, लेकिन सोने से पहले के चार घंटे के भीतर व्यायाम करने से बचें
  • दिन में गर्म पानी से नहाने, पैर या कंधे की मालिश करने की कोशिश करें
  • अच्छी नींद के लिए रात में अपना कमरा अंधेरा, शांत और ठंडा रखने की कोशिश करें

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निष्कर्ष

 

गर्भावस्था के दौरान आपको सोने की स्थिति पर ध्यान देने के अलावा और कई चीज़ों की चिंता हो सकती है। अपने और अपने बच्चे के अच्छे रक्त प्रवाह के लिए डॉक्टर दाईं या बाईं, किसी भी ओर करवट लेकर सोने की सलाह देते हैं।

 

गर्भावस्था के दौरान आराम और स्वास्थ्य के लिए सोने की सबसे अच्छी स्थितियां जानें। कोकून अस्पताल में हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञों से टिप्स लें। अपनी अपॉइंटमेंट अभी बुक करें!

 

अक्सर पूछे जानें वाले सवाल

 

Q1: मैं करवट लेकर सोने की स्थिति को ज़्यादा आरामदायक कैसे बना सकती हूं?

A: गर्भावस्था का तकिया इस्तेमाल करने या घुटनों के बीच तकिया रखने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और कूल्हों व कमर के निचले हिस्से पर दबाव कम होता है।

 

Q2: अगर मैं गर्भावस्था के दौरान पीठ के बल जागूं तो क्या होगा?

A: चिंता न करें! बस दोबारा करवट लेकर सो जाएं। आपका शरीर खुद ही असहज महसूस होने पर स्थिति बदल लेता है, और कभी-कभी पीठ के बल सोने से कोई नुकसान नहीं होता।

 

Q3: क्या सोने की कोई ऐसी स्थिति है जिससे बचना चाहिए?

A: हां, पहले के तीन महींनों के बाद पेट के बल सोने से बचें, क्योंकि यह असहज हो सकता है और बढ़ते हुए पेट पर दबाव डाल सकता है।
 

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